बॉलीवुड के मशहूर डायरेक्टर संजय लीला भंसाली ने ‘देवदास’ बनाई थी। इस फिल्म के लिए उन्होंने कई बड़े नामों को साइन किया था। लेकिन शाहरुख खान इस फिल्म को करने के लिए तैयार नहीं थे। इसलिए उन्होंने कुछ ऐसा कह दिया, जिसके बाद एक्टर सोचने पर मजबूर हो गए।
देवदास नहीं करना चाहते थे शाहरुख खान
संजय लीला भंसाली के निर्देशन में बनी फिल्म ‘देवदास’ साल 2002 में रिलीज हुई थी। अब इस फिल्म को लेकर शाहरुख खान का कहना है कि उन्हें लगता था कि उनकी इमेज देवदास की तरह ‘हारे हुए और शराबी’ का किरदार निभाने की नहीं है। लेकिन फिल्ममेकर संजय लीला भंसाली ने कहा था कि वह फिल्म तभी बनाएंगे, जब एक्टर इस रोल को करने के लिए राजी होंगे। स्विट्जरलैंड में लोकार्नो फिल्म फेस्टिवल में सवाल-जवाब सेशन के दौरान भंसाली की कही बातों को याद करते हुए खान ने कहा, ‘अगर आप इस फिल्म में नहीं हैं, तो मैं यह फिल्म नहीं बनाऊंगा, क्योंकि आपकी आंखें देवदास जैसी हैं।’ खान लोकार्नो फिल्म फेस्टिवल में ‘पार्डो अल्ला कैरियरा अवॉर्ड- लोकार्नो टूरिज्म’ से सम्मानित होने वाले पहले भारतीय फिल्म व्यक्तित्व बन गए हैं। भारतीय साहित्य और सिनेमा की सबसे लोकप्रिय कहानियों में से एक देवदास शरत चंद्र चट्टोपाध्याय के 1917 के उपन्यास से रूपांतरित है। इसे पहली बार 1936 में हिंदी फिल्म में बनाया गया था, जिसमें केएल सहगल ने मुख्य भूमिका निभाई थी, जबकि 1955 की फिल्म में दिलीप कुमार ने यह भूमिका निभाई थी। शाहरुख खान नहीं करना चाहते थे ‘देवदास’ अपनी मां के साथ सिनेमा में दिलीप कुमार की फिल्म ‘देवदास’ देखने की यादें साझा करते हुए शाहरुख खान ने कहा कि उस समय वह किरदार से खुद को जोड़ नहीं पाए थे क्योंकि यह ‘एक ऐसे लड़के की कहानी थी जो शराब पीता है, किसी लड़की के प्रति प्रतिबद्ध नहीं होता और उसे छोड़ देता है।’ भंसाली को ‘हमारे समय के सबसे प्रतिभाशाली फिल्म निर्माताओं में से एक’ बताते हुए शाहरुख खान ने रविवार 11 अगस्त को कहा कि निर्देशक ने कई सालों के बाद उन्हें यह भूमिका निभाने के लिए संपर्क किया वर्ष 2002 में प्रदर्शित इस फिल्म में ऐश्वर्या राय बच्चन ने पारो, माधुरी दीक्षित नेने ने चंद्रमुखी और जैकी श्रॉफ ने चुन्नी बाबू की भूमिका निभाई थी।